भूलें कैसे दिल में बसाया तुझे
बेशक तुम मत करो याद मुझे
पर मैं तो हरपल ही चाहूं तुझे
मैं रहूं ना रहूं याद रखना मुझे
तेरी हर अदाएं है लुभाते मुझे
एकाकीपन बेहद सताते मुझे
संग बिताए पल तड़पाते मुझे
मैं रहूं ना रहूं याद रखना मुझे
सांसों में अपने है बसाया तुझे
तुम्हारे फ़िक्र बेचैन करते मुझे
ख्बाव में तुम नज़र आते मुझे
मैं रहूं ना रहूं याद रखना मुझे
जब भी उदासी सताती मुझे
तुम्हीं प्यार से ही संभाले मुझे
बेरुखी तुम्हारे नहीं भाती मुझे
मैं रहूं ना रहूं याद रखना मुझे
राजीव भारती
पटना बिहार गृह नगर
0 Comments