याद तेरी बहुत ही सताएं
दिल यह कहता बार बार
लौटकर आओ एक बार
रिश्ता यह कितना पुराना
देखो प्रिय मत भूल जाना
फ़र्ज़ मेरा तुम्हें समझाना
ना करो अब कोई बहाना
किये हैं मैंने बड़े इंतज़ार
तनहा दिल होता बेकरार
लौटकर आओ एक बार
तुम्हें पुकार रहे मेरे प्यार
धड़कनें दिल की रुकीं हैं
सांसें ये मेरे मानों थमी हैं
यादें जैसे दिल में जमी हैं
खले बड़ी तुम्हारी कमी है
देखो ये खूबसूरत फिजाएं
दिल को बहुत ही तड़पाएं
तेरा दरश जो कर पा जाएं
दिल मेरा बहुत सुकुन पाएं
राजीव भारती
पटना बिहार गृह नगर
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